बरेली से एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जहां नगर निगम की लापरवाही ने एक मजदूर की जान ले ली। शहर में नाले की सफाई के दौरान एक ट्रॉली को बिना देखे पलटा दिया गया, जिसके नीचे आराम कर रहे 45 वर्षीय सुनील कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना न केवल प्रशासनिक असावधानी का परिणाम है, बल्कि इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं रह गई है?

क्या है पूरी घटना?

यह हादसा बरेली के एक व्यस्त इलाके में हुआ, जहां नगर निगम की टीम नाले की सफाई कर रही थी। सफाई के लिए इस्तेमाल की जा रही ट्रॉली में कीचड़ और गंदगी भरी हुई थी। जब ट्रॉली को खाली किया जा रहा था, तो कर्मचारियों ने यह ध्यान नहीं दिया कि नीचे कोई व्यक्ति आराम कर रहा है। ट्रॉली सीधा 45 वर्षीय मजदूर सुनील कुमार के ऊपर पलट गई, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

सुनील कुमार कौन थे?

सुनील कुमार एक मेहनतकश मजदूर थे, जो रोज की तरह सुबह काम करने निकले थे। सफाई कर्मचारियों के काम के दौरान वे वहीं पास में आराम कर रहे थे। उन्हें यह अंदाज़ा नहीं था कि थोड़ी ही देर में उनकी जिंदगी खत्म हो जाएगी। परिवार के अनुसार, सुनील अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। उनकी मौत के बाद घर में मातम पसरा हुआ है और परिवार पूरी तरह टूट चुका है।

परिवार में मचा कोहराम

घटना की खबर जब सुनील कुमार के घर पहुंची, तो कोहराम मच गया। पत्नी बेसुध हो गई और बच्चे लगातार अपने पिता को पुकारते रहे। परिवार का कहना है कि सुनील घर के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे और उनकी मौत ने पूरे घर की नींव हिला दी है। अब उनके सामने रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी करना भी एक बड़ी चुनौती बन गई है।

नगर निगम की बड़ी लापरवाही

इस घटना ने नगर निगम की कार्यशैली और लापरवाही को उजागर कर दिया है। नाले की सफाई जैसे खतरनाक कार्य के दौरान कोई सेफ्टी मापदंड अपनाए नहीं गए। न तो ट्रॉली पलटने से पहले नीचे देखा गया, और न ही आसपास के लोगों को कोई चेतावनी दी गई। यह सीधा-सीधा कार्य में लापरवाही और जिम्मेदारी से बचने का उदाहरण है।

प्रशासनिक कार्रवाई की मांग

स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मांग की है कि जिम्मेदार सफाई कर्मचारियों और नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और मदद देने की भी मांग की जा रही है।

क्या कहता है कानून?

सरकारी कार्यों में लापरवाही से हुई मौत भारतीय दंड संहिता की धारा 304A के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। अगर यह साबित होता है कि मौत लापरवाही के कारण हुई है, तो दोषी कर्मचारियों को जेल और जुर्माने दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

भविष्य के लिए सबक

इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मजदूरों और आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है। सिर्फ काम करवा लेना ही प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उस काम को सुरक्षित तरीके से करवाना और सभी नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी उसका कर्तव्य है।

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