भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है, जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (DG ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने भारत को कड़ी चेतावनी दी है। यह चेतावनी भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करने के फैसले के बाद आई है, जिसे भारत ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया था।
DG ISPR ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर भारत हमारे पानी को रोकता है, तो हम उनकी सांसें रोक देंगे।” उन्होंने भारत द्वारा नीलम-झेलम हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के पास स्थित नोसरी डैम पर हमले को “अस्वीकार्य और खतरनाक वृद्धि” करार दिया। उन्होंने पूछा, “क्या भारत पाकिस्तान के लोगों के पानी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है? क्या उसे इसके परिणामों और अर्थों का पता है?”
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी इस मुद्दे पर भारत को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “भारत द्वारा सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित करना न केवल उकसावे की कार्रवाई है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन भी है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “पानी पाकिस्तान की जीवनरेखा है,” और भारत की यह कार्रवाई क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी भारत को चेतावनी दी कि यदि भारत सिंधु नदी पर कोई भी संरचना बनाता है जो संधि का उल्लंघन करती है, तो पाकिस्तान उसे नष्ट कर देगा। उन्होंने कहा, “अगर वे किसी भी प्रकार की संरचना बनाने की कोशिश करते हैं, तो हम उसे नष्ट कर देंगे।”
इस बीच, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो-जरदारी ने भी भारत को चेतावनी दी कि “या तो हमारी नदियों में हमारा पानी बहेगा, या उनका खून।” उन्होंने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले को “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया।
भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। भारत का कहना है कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर लिया गया है। हालांकि, पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि भारत की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है और इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।
इस पूरे घटनाक्रम ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और अधिक जटिल बना दिया है। दोनों देशों के बीच जल विवाद और आतंकवाद के मुद्दे पर लंबे समय से तनाव बना हुआ है, और हालिया घटनाएं इस तनाव को और बढ़ा सकती हैं।